इश्क के गुलशन में खिलते जज़्बात
गुलशन में खिला है इश्क का एक फूल,
महका रहा है ये हर एक भूल।इश्क की ताज़गी से है ये समां,
हर सांस में बसता एक नया जहां।गुलाब की खुशबू, दिल का करार,
इश्क का मौसम, बहारों का निखार।नजरें मिलें, तो खिले अरमान,
दिल की बगिया में झूमे इंसान।इश्क का गुलशन, ख्वाबों का नगर,
जहां प्यार के पल हर एक बसर।
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